वाप्कोस लिमिटेड
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  • श्री आर.के.गुप्‍ता | अध्‍यक्ष सह प्रबंध निदेशक

      “श्री आर.के.गुप्‍ता, अध्‍यक्ष सह प्रबंध निदेशक, वाप्‍कोस लिमिटेड, जल शक्ति मंत्रालय के तत्‍वावधान में भारत सरकार का उपक्रम, को भारत तथा विदेशों में सिंचाई/जल संसाधन, विद्युत तथा अवस्‍थापना क्षेत्रों के सभी कार्य क्षेत्रों में परामर्शी परियोजनाओं की प्राप्ति तथा कार्यान्‍वयन में 32 वर्षों का अनुभव है’’।

  • श्री पंकज कपूर | निदेशक वित्त

      श्री पंकज कपूर, वाप्‍कोस लिमिटेड के निदेशक (वित्‍त) है । वे योग्‍य लेखाकार व कम्‍पनी सचिव है । वे इन्‍स्‍टीटयूट ऑफ कास्‍ट एकाउंटेंट ऑफ इण्डिया के फैलो मैम्‍बर भी हैं । श्री कपूर के पास 24 वर्षों से अधिक का अनुभव है और वे कॉर्पोरेट वित्‍त, कार्य पूंजी प्रबंधन, लागत व बजटीय नियंत्रण, संस्‍थागत वित्‍त, लेखा, कराधान, लेखा परीक्षा, विदेशी परियोजनाओं इत्‍यादि से संबंधित मामलों का संचालन कर रहे हैं ।

  • श्री अनुपम मिश्रा | निदेशक (वाणिज्‍य व मानव संसाधन विकास)

      श्री अनुपम मिश्रा ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक और प्रबंधन अध्ययन संकाय, दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्‍टर्स इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन किया है। श्री मिश्रा को भारत तथा एशिया, अफ्रीका व ओशिनिया के 45 से अधिक देशों में जल संसाधन, विद्युत और अवस्‍थापना के क्षेत्रों में परियोजनाओं की योजना, तकनीकी व वित्‍तीय प्रस्‍तावों की तैयारी, सर्वेक्षण व अन्‍वेक्षण, डिजाइन, लागत अभियांत्रिकी, डीपीआर की तैयारी, निविदा अभियांत्रिकी, संविदा व वि‍त्‍तीय प्रबंधन, निर्माण पर्यवेक्षण, मानीटरिंग व मूल्‍यांकन तथा परियोजना कार्यान्‍वयन/निर्माण पर्यवेक्षण सहित ग्रीनफील्‍ड व ब्राउनफील्‍ड परियोजनाओं को संकल्‍पना से आरम्‍भ करने का 28 वर्षों का प्रचुर तथा विविध अनुभव है ।

  • श्री अखिल कुमार | संयुक्त सचिव (प्रशासन एवं भूजल), जल संसाधन मंत्रालय, आर डी एवं जीआर

      संयुक्त सचिव (प्रशासन एवं भूजल), केन्‍द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय।

  • Shri P Harish | Addl. Secretary (ED& States) MEA-Government Nominee

      Mr. Parvathaneni is Additional Secretary (Economic Diplomacy & States) in Ministry of External Affairs. Since joining the Indian Foreign Service in 1990, he has learnt Arabic at the American University of Cairo and passed the examination with distinction. He has served in the Indian Missions in Cairo and Riyadh and headed the Post as India's Representative to the Palestinian Authority stationed in Gaza city. He was on Secondment to the United Nations Relief and Works Agency for Palestine Refugees in the Near East (UNRWA) as the Chief of the Policy Analysis Unit at UNRWA Headquarters in Gaza. He thereafter worked in the East Asia and External Publicity Divisions in the Ministry of External Affairs. For a period of five years since 2007, Mr. Harish was the Joint Secretary and Officer on Special Duty to the Hon'ble Vice President of India and Chairman of the council of States of the Indian Parliament, Mr. M. Hamid Ansari. Mr. Harish has been the Consul General of India, Houston, USA since 30th July 2012. Before joining as Additional Secretary (Economic Diplomacy & States), Mr. Harish was the Ambassador of India to the Socialist Republic of Vietnam from 16th April 2016 to June 2019. Mr Parvathaneni Harish is a gold medalist Mechanical Engineering graduate from Osmania University College of Engineering, Hyderabad and has studied at the Indian Institute of Management, Calcutta. He is married to Mrs. Parvathaneni Nandita and has two daughters, Ayushi and Amani.

  • डॉ. किरण पाण्ड्या | स्वतंत्र निदेशक

      दिनांक 12.1.1960 को जन्‍मे डॉ. किरण पाण्‍डेय, वीर नर्मद साउथ गुजरात विश्‍वविद्यालय, सूरत के मानव संसाधन विकास विभाग के अर्थशास्‍त्र के प्रोफेसर है । उनके पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव है । वर्तमान में वे एचआरडी विभाग के प्रमुख के रूप में सेवा कर रहे हैं और एचआर व्‍यावसायिकों की तैयारी व प्रतिष्ठित संस्‍था के निर्माण के लिए उत्‍कृष्‍ट नेतृत्‍व प्रदान कर रहे हैं । वह कला संकाय के डीन थे जो छात्रों व विषयों की संख्‍या के संदर्भ में विश्‍वविद्यालय का सबसे बड़ा संकाय है । उन्‍होंने रजिस्‍ट्रार, आंतरिक गुणवत्‍ता आश्‍वासन सैल के निदेशक के रूप में व कालेज विकास परिषद के डीन के रूप में जिम्‍मेदारी निभाई है । इसके अतिरिक्‍त, वह विश्‍वविद्यालय की कार्यकारी परिषद् में राज्‍य सरकार के नामित सदस्‍य थे । डा. पाण्‍डेय के पास उत्‍कृष्‍ट एकेडेमिक कैरियर है । उन्‍हें ससेक्‍स, यूके विश्‍वविद्यालय में डॉक्‍टरेट का अध्‍ययन करने के लिए राष्‍ट्रमंडल पुरस्‍कार भी प्रदान किया गया । डा. पाण्‍डेय ने बडौदा एमएस विश्‍वविद्यालय से अर्थशास्‍त्र में प्रथम श्रेणी में मास्‍टर डिग्री प्राप्‍त की है । उन्‍होंने गोखले इंस्‍टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्‍स एंड इकोनॉमिक्‍स, पुणे जो एक प्रमुख अनुसंधान संस्‍थान है, से ‘ए’ ग्रेड में एम.फिल डिग्री प्राप्‍त की है । उनके व्‍यावसायिक जीवन को इन संस्‍थाओं में परिष्‍कृत उपलब्धि प्राप्‍त हुई । डा. पाण्‍डेय की 12 पुस्‍तकें, 40 अनुसंधान पेपर तथा कार्यपेपर प्राप्‍त हुए हैं । उन्‍होंने डॉक्‍टरेट के अध्‍ययन हेतु 18 छात्रों का सफलतापूर्वक दिशा निर्देशन किया । उनका मुख्‍य क्षेत्र मानव विकास व अनुसंधान पद्धति पर फोकस के साथ विकास अध्‍ययन है । उन्‍होंने उपयोगी गौण व मुख्‍य अनुसंधान परियोजनाएं की हैं जिसमें सूरत व तापी जिलों की जिला मानव विकास रिपोर्ट शामिल है। उन्‍होंने सीएसआर गतिविधियों की आवश्‍यकता और प्रभाव आकलन अध्‍ययन से संबंधित परियोजनाएं भी की है । उनकी संकाय व अनुसंधान विद्वानों की क्षमता निर्माण में प्रमुख भूमिका है। वे कुछ राष्‍ट्रीय व अंतर्राष्‍ट्रीय संदर्भित जनरलों हतु समीक्षक, संपादकीय बोर्ड के सदस्‍य के रूप में कार्य करते हैं। उनके पास शिक्षण व अनुसंधान में 30 वर्षों से अधिक का अनुभव है ।

  • डॉ. एस. के. सिंह | स्वतंत्र निदेशक

      दिनांक 25.7.1964 को प्रयाग में जन्‍मे डा.एस.के.सिंह, दिल्‍ली टेक्‍नोलोजिकल यूनिवर्सिटी (पूर्व में दिल्‍ली कालेज आफ इंजीनियरिंग), दिल्‍ली में प्रोफेसर व डीन है। उन्‍होंने पीएचडी, बिटस्, पिलानी और एम.टेक आईआईटी-बीएचयू, वाराणसी से प्राप्‍त की है। उन्‍हें कई पुरस्‍कार व सम्‍मान प्राप्‍त हुए हैं । वे पिछले 29 वर्षों से शिक्षण, अनुसंधान, प्रशासन व परामर्श में वयस्‍त है । उन्‍होंने राष्‍ट्रीय व अंतर्राष्‍ट्रीय जनरलों में 185 से अधिक पेपर प्रकाशित किए हैं और वे 03 पुस्‍तकों के लेखक भी है। उन्‍होंने 65 से अधिक मास्‍टर थिसिस तथा 12 पीएचडी छात्रों का मार्गदर्शन किया है । उन्‍होंने विभिन्‍न सरकारी व निजी संगठनों तथा उद्योगों को परामर्श भी उपलब्‍ध करवाया है । वे विभिन्‍न प्रतिष्ठित निकायों जैसे इन्‍स्‍टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स्, इन्‍स्‍टीट्यूशन ऑफ एनवायरमेंटल इंजीनियर्स्, भारतीय भूवैज्ञानिक सोसाइटी, भारतीय केमिकल सोसाइटी, न्‍यूयॉर्क एकेडमी ऑफ साइंस, अमेरिकन सोसायटी ऑफ सिविल इंजीनियर्स्, इंडियन इन्‍स्‍टीट्यूट ऑफ ब्रिज इंजीनियर्स् और इंडियन वाटर रिसोर्सेंज सोसाइटी के सदस्‍य है । डा. सिंह ने व्‍यावसायिक निकायों द्वारा सम्‍मान व पुरस्‍कार प्राप्‍त किए हैं। वर्तमान में वे दिल्‍ली टेक्‍नोलोजिकल यूनिवर्सिटी में डीन (पूर्व छात्र मामले) है । वे बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, सीएसएमआरएस, जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार के सदस्‍य; सदस्‍य, निदेशक मंडल, विश्‍वेश्‍वरैया ग्रुप ऑफ इन्‍स्‍टीट्यूशनस्, सदस्‍य, निदेशक मण्‍डल, वालचंद कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, सांगली (एम.एस.); अध्‍यक्ष, विभागीय पदान्‍नति समिति, आईएएसआरआई, एनआईएपी,आईसीएआर, नई दिल्‍ली; सदस्‍य, विश्‍वविद्यालय न्‍यायालय, दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय भी है । वे राष्‍ट्रीय प्रत्‍यायन बोर्ड (एनबीए), एआईसीटीई, यूजीसी, डीएसटी, कपार्ट, एमओईएफसीसी तथा यूपीएससी की विभिन्‍न उच्‍च समितियों के सदस्‍य भी हैं ।

  • Ms. Preeti Madan | Independent Director

      An alumnus of the Lady Shriram College (BA Eco Hons: 1975-78) and the Delhi School of Economics (Masters in Economics: 1978-80), Ms Preeti Madan joined the Indian Economic Service in 1981 and served for 37 years in increasing positions of responsibility in State/UT Governments and the Central Government. She acquired a Post Graduate Diploma in Management (1977-99) from Concordia University (Montreal, Canada) during the course of her career. Besides holding various cadre posts of the Indian Economic Service, she served on depuation basis, as Deputy Secretary in the Ministry of Textiles; Director in the Department of Economic Affairs; Joint Secretary in the Ministeries of Woman and Child Development and Minority Affairs; and as Member Secretary ofthe National Commission for Women (Sept 2015- Dec 2016)at Additional Secretary level. She also served as a Chief Finance Officer in the National Institute of Fashion Technology (NIFT), during the period when first five similar institutions were being established across the country. Ms Madan was involved in formulation and implementation of policy relating to Infrastructure(Department of Economic Affairs)and Industrial Promotion (DIPP).During her tenure as Director in the Department of Economic Affairs, she was also involved in bilateral and multilateral negotiations in the Financial Services sector. She superannuated from the Government serviceat the post of Principal Economic Adviser, Department of Industrial Policy & Promotion, where she dealt with issues relating to industrial policy, including fiscal and investment matters. During theis period Ms Madan co-chaired the Task Force on Make in India and Transfer of Technology for the Mumbai-Ahmedabad High Speed Rail Project (MAHSR).

  • श्री ए.एन.एन.प्रसाद | मुख्‍य कार्यकारी निदेशक (योजना व विकास एवं विधि)

      श्री ए.एन.एन. प्रसाद मैसूर विश्‍वविद्यालय से बी.ई.(सिविल) है तथा उन्‍होंने भारतीय प्रौद्योगिक संस्‍थान (आईआईटी), दिल्‍ली से एम.टेक (रॉक मैकेनिक्‍स) की है । वे इण्डियन सोसाइटी ऑफ रॉक मैकेनिक्‍स एण्‍ड टनलिंग टेक्‍नोलॉजी के सदस्‍य, इण्डियन सोसाइटी फॉर कंसट्रक्‍शन मटेरियल्‍स एंड स्‍ट्रक्‍चर के सदस्‍य, इण्डियन वाटर रिसोर्सिज सोसाइटी के सदस्‍य तथा इण्डियन जियो-टेक्निकल सोसायटी (दिल्‍ली चैप्‍टर) के सदस्‍य है । उनके पास भारत, भूटान व अफगानिस्‍तान में अवस्‍थापना व जल विद्युत परियोजनाओं के परियोजना कार्यान्‍वयन, निर्माण, पर्यवेक्षण, निविदा अभियांत्रिकी, लागत अभियांत्रिकी,बांध अभियांत्रिकी, सर्वेक्षण व अन्‍वेषण, डीपीआर की तैयारी में 30 वर्षों का समृद्ध व विविध अनुभव है । कम्‍पनी उनके कार्यकाल के दौरान बहुत ही प्रतिष्ठित परियोजना से संबंधित रही है । श्री प्रसाद अफगनिस्‍तान में सलमा बांध परियोजना की निर्माण टीम के प्रमुख रहे और बहुत ही चुनौतिपूर्ण परिस्थितियों के अंतर्गत परियोजना को सफलतापूर्वक चालू किया गया । बांध का उद्घाटन भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी तथा अफगानिस्‍तान इस्‍लामिक गणराज्‍य के माननीय राष्‍ट्रपति श्री मोहम्‍मद अशरफ गनी द्वारा संयुक्‍त रूप से किया गया ।

  • डा. अमन शर्मा | मुख्‍य कार्यकारी निदेशक (पर्यावरण, नि.प्रं. एवं प्रशासन)

      डा. अमन शर्मा ने सिविल अभियांत्रिकी में स्‍नातक डिग्री, पर्यावरणीय अभियांत्रिकी में मास्‍टर डिग्री व पर्यावरणीय अभियांत्रिकी में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान, दिल्‍ली से डाक्‍टरेट प्राप्‍त की है। उनके पास जल विद्युत, सिं‍चाई, पत्‍तन व बंदरगाह, खादन तथा निर्माण परियोजना, सिवेज उपचार प्‍लांटों के डिजाइन, सिवरेज नेटवर्क,बहिस्‍त्राव उपचार प्‍लांट, ठोस अपशेष प्रबंधन इत्‍यादि हेतु पर्यावरणीय अध्‍ययन करने में 27 वर्षों से अधिक का अनुभव है ।

  • श्री शम्भू आज़ाद | मुख्‍य कार्यकारी निदेशक (जल संसाधन विकास)

      श्री शम्‍भू आजाद वाप्‍कोस में ही विभिन्‍न क्षमताओं में जल संसाधन, विद्युत व अवस्‍थापना विकास के क्षेत्र में 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है । 25 वर्षों के अनुभव में से, गत 15 वर्षों से व्‍यापार विकास गतिविधियों के साथ संबद्ध है, जोकि किसी भी वाणिज्यिक संगठन की सफलता की कुंजी है । व्‍यापार विकास गतिविधियों के अतिरिक्‍त, परियोजना की संकल्‍पना से आरम्‍भ करने के स्‍तर तक जल संसाधन, विद्युत व अवस्‍थापना विकास से संबंधित 100 से अधिक परियोजनाओं में कार्य करने का तकनीकी अनुभव है जिसमें भारत व विदेशों में जल संसाधन, सिंचाई व जल निकासी परियोजनाओं की योजना, अन्‍वेषण, व्‍यवहार्यता-पूर्व/व्‍यवहार्यता रिपोर्ट, विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट, निष्‍पादन, प्रचालन और रखरखाव तथा प्रबंधनशामिल हैं। अधिक विशिष्‍ट होने के लिए, उनके पास जल संसाधन योजना, जलविद्युत विश्‍लेषण, सिंचाई योजना, जलविद्युत मॉडलिंग, नदी बेसीन योजना तथा प्रबंधन, सिंचाई व जल निकासी प्रणाली डिजाइन व ड्राइंग, बाढ़ पूर्वानुमान, जलाशय योजना, डैम ब्रेक अध्‍ययन, जल विद्युत योजना व डिजाइन, जलाशय सिमुलेशन अध्‍ययन और अन्‍य कम्‍प्‍यूटर सहायक सिमुलेशन और जल व विद्युत क्षेत्र से संबद्ध डिजाइन की विशेषज्ञता है ।

  • श्री आर.के.अग्रवाल | मुख्‍य कार्यकारी निदेशक(अवस्थापना विकास)

      श्री आर.के.अग्रवाल सिविल अभियांत्रिकी में स्‍नातक है । उन्‍होंने जल संसाधन अभियांत्रिकी में मास्‍टर डिग्री ली है और मार्केटिंग में विशेषज्ञता के साथ बिजनेस एडमिनिस्‍ट्रेशन में परास्‍नातक डिग्री भी है । उनके पास भारत तथा विदेशों में-कम्‍बोडिया, लाओ पीडीआर, म्‍यांमार, वियतनाम, श्रीलंका, मालदीव, मंगोलिया, तंजानिया, मोजाम्बिक, रवांडा तथा दक्षिण सुडान में जल संसाधन व अवस्‍थापना विकास परियोजनाओं की योजना, डिजाइन व कार्यान्‍वयन में 28 वर्षों से अधिक का अनुभव है । श्री अग्रवाल विस्‍तृत सर्वेक्षण तथा फील्‍ड अन्‍वेषण, मास्‍टर योजना की तैयारी, शहर विकास योजना, व्‍यवहार्यता रिपोर्ट, विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट इत्‍यादि आयोजित करने में शामिल है । उनके पास परियोजना योजना, संविदा प्रबंधन, सामग्री प्रबंधन, निर्माण पर्यवेक्षण तथा परियोजना कार्यान्‍वयन में प्रचुर अनुभव है । वह संगठन की व्‍यवासाय विकास गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल है।

  • श्री डी.वी.एस.एन.राजू | मुख्‍य कार्यकारी निदेशक (पावर)

      श्री डी.वी.एस.एन.राजू रांची विश्‍वविद्यालय, जमशेदपुर, क्षेत्रीय प्रौद्योगि‍की संस्‍थान (एनआईटी) से विद्युत अभियांत्रिकी में बीएससी (अभियांत्रिकी) है । वह इंजीनियरस् संस्‍था, चार्टर्ड इंजीनियर इण्डिया के सदस्‍य, आईईईई, एसईएसआई (सोलर एनर्जी ऑफ इण्डिया) तथा भारत में सीआईजीआरई के सदस्‍य हैं । उनकी मुख्‍य शक्ति ट्रांसमिशन व वितरण, हाइड्रो, थर्मल तथा सोलर क्षेत्र में तकनीकी योग्‍यता है जिसमें उनको ग्राहक अभियंताओं को प्रौद्योगिकी के प्रशिक्षण व अंतरण सहित संकल्‍पना से आरम्‍भ करने की 100 से अधिक परियोजनाओं के कार्यान्‍वयन में अनुभव व सहयोग है । वह समस्‍या का समाधान करने और तकनीकी नींव के निर्माता के कुशल मास्‍टर है, जिसके द्वारा बढ़ती, संपन्‍न कम्‍पनियों जैसे वाप्‍कोस का निर्माण किया जाता है । वह कार्यकारी टीमों के एक प्रमुख सदस्‍य है जो हाइड्रो परियोजनाओं के सोलर, पीट टू पावर, भूमिगत केबलिंग, नवीकरण व आधुनिकीकरण के विविधता के क्षेत्र में सफलतापूर्वक संचालन करती है और कई अन्‍य देशों जैसे उज्‍बेकिस्‍तान, डीआर कांगो, जिम्‍बाब्‍वे, बुरूंडी, मध्‍य अफ्रीकी गणराज्‍य, टोगो, लाइबेरिया, सिएरा लियोन में भी कार्य करती है ।

  • श्री प्रवीन कुमार | वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (जी॰आई॰एस॰)

      श्री प्रवीन कुमार आईआईटी दिल्‍ली से बी-टेक (सिविल) हैं और उनके पास परियोजना प्रबंधन में एमबीए की डिग्री भी है । वह इण्डियन सोसायटी फॉर रॉक मैकेनिक्‍स एण्‍ड टनलिंग टेक्‍नोलजी (आईएसआरएमटीटी) के सदस्‍य हैं । उनके पास 1990 से वाप्‍कोस (भारत व विदेशों) में 28 वर्षों का अनुभव है । उनके अधीन यूनिट को 380 से भी अधिक परियोजनाएं प्राप्‍त हो चुकी हैं जिसके कार्य क्षेत्र हैं - इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर, जीआईएस, नदियों को जोड़ना, तटीय क्षेत्र प्रबंधन, सिंचाई, बाढ़ माडलिंग व प्रबंधन, जल आपूर्ति, सीवरेज इत्‍यादि । इसमें से बहुत से ग्राहकों से आभार व प्रशंसा पत्र प्राप्‍त है । उनका नारा है : ‘मानव सेवा ही ईश्‍वर पूजा हैं ।‘

  • डा0 आर.पी.दूबे | वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (पत्‍तन, बंदरगाह व अंतर्देशीय जलमार्ग)

      डा0 डा0 आर.पी.दूबे, पीएचडी (सिविल अभियांत्रिकी), मैरीन साइंस में डाक्‍टर, एमबीए (एचआर), वित्‍तीय प्रबंधन में पीजी (डिप्‍लोमा) है, अन्‍वेषण पूर्व रिपोर्ट, व्‍यवहार्यता रिपोर्ट, विस्‍तृत अभियांत्रिकी, निविदा दस्‍तावेजन, डिजाइन, पर्यवेक्षण तथा बहु विषयक परियोजनाओं का सिविल कार्यों का निष्‍पादन व प्रबंधन सहित पत्‍तन योजना, बंदरगाह अभियांत्रिकी, जल संसाधन, सड़क, जल आपूर्ति व जल निकासी इत्‍यादि में 28 वर्षों से अधिक अनुभव के साथ वरि.कार्यकारी निदेशक (पत्‍तन, बंदरगाह व अंतर्देशीय जलमार्ग) है । वह एएससीई, इमेरेस्‍ट, नेशनल मैरीटाइम फाउंडेशन, आईएमईआई इत्‍यादि सहित भारत/विदेशों के कई इंजीनियरिंग व्‍यवसायिक निकायों के फेलो/सदस्‍य है । तटीय इंजीनियरिंग में वर्ल्‍ड पुरस्‍कार के अग्रणी व्‍यवसायिक से पुरस्‍कृत तथा इंजीनियरिंग नवाचार हेतु ग्‍लोबल क्‍वीन एलिजाबेथ पुरस्‍कार- 2013 व 2015 के लिए नामांकित है। वह उत्‍कृष्‍टता व मेधावी योगदान हेतु भारत ज्‍योति पुरस्‍कार व भारत रत्‍न डा0 ए.पी.जे.अब्‍दुल कलाम पुरस्‍कार प्राप्‍त कर चुके हैं। उन्‍हें चार्टर्ड इंजीनियर (इंडिया) और प्रोफेशनल इंजीनियर (यूएस) के रूप में मान्‍यता प्राप्‍त है। वह आईआईईएसटी, शिबपुर (राष्‍ट्रीय महत्‍व वाला संस्‍थान) में मानद विजिटिंग प्रोफेसर है। वह एनआईटी/आईआईटी में पीएचडी स्‍कॉलरों के गाइड/परीक्षक भी है ।

 
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