हमारी कहानी और मिशन

हम भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत पूर्णत: भारत सरकार ("जीओआई") के स्वामित्व वाला एक केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम हैं। हम भारत और विदेशों में जल, विद्युत और अवस्थापना के क्षेत्र में व्यवसायों और समुदायों के लिए इंजीनियरिंग परामर्शी सेवाओं और निर्माण कार्यों से जुड़े हुए हैं। पिछले 5 (पांच) दशकों में, हमारी कंपनी भारत और विदेशों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली जल, विद्युत और अवस्थापना क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए इंजीनियरिंग परामर्शी सेवाएं प्रदान कर रही है। हम अपनी सहायक कंपनी के साथ निर्माण कार्य में भी सक्रिय रूप से शामिल हैं और हमने भारत में प्रमुख क्षेत्रों में विभिन्न परियोजनाओं की शुरूआत की है। वैश्विक उपस्थिति के माध्यम से प्राप्त हमारा अनुभव ही, हमें भारत और विदेशों में सार्वजनिक और निजी ग्राहकों के जटिल और विविध प्रकार के कार्यों हेतु अनुकूलित समाधान प्रदान करने में सक्षम बनाता है। लोक उद्यम विभाग द्वारा हमें अनुसूची ख श्रेणी- I लघु रत्न का दर्जा प्रदान किया गया है।
परिचय
एशिया विकास बैंक (एडीबी) वित्त खाते के संदर्भ में जल और अन्य शहरी अवसंरचनात्मक क्षेत्रों में शीर्ष दस (10) अंतर्राष्ट्रीय परामर्शी प्रतिष्ठानों में हमें सर्वोच्च रैंक प्रदान की गई है (स्रोत: एडीबी द्वारा मार्च 2022 में जारी की गई वार्षिक प्रापण रिपोर्ट 2021)।2017-2021 की अवधि के दौरान परामर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए हमें भारत की शीर्ष 5 (पांच) कंपनियों में तीसरा स्थान प्रदान किया गया है। (स्रोत: एशियाई विकास बैंक मेम्बर फैक्ट शीट-अप्रैल 2022)।..
अपनी स्थापना के बाद से हमने पचास (50) देशों में विभिन्न ग्राहकों को इंजीनियरिंग परामर्शी सेवाएं प्रदान की हैं। विशेष रूप से दक्षिण एशिया और सम्पूर्ण अफ्रीका में, जल, विद्युत और अवस्थापना क्षेत्रों की विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए इंजीनियरिंग परामर्शी सेवाएं प्रदान करते हुए हमने अपनी वैश्विक उपस्थिति विकसित की है। हमारी व्यापक उपस्थिति और विदेशों में किए गए हमारे कार्य, वर्षों के हमारे वैश्विक अनुभव और विशेषज्ञता को प्रदर्शित करते हैं। वर्तमान में, हमारा भारत सहित तीस (30) देशों अर्थात बांग्लादेश, भूटान, बुरुंडी, बोत्सवाना, कंबोडिया, क्यूबा, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, डी आर कांगो, एस्वातिनी, इथियोपिया, फिजी द्वीप समूह, घाना, गाम्बिया, इंडोनेशिया, लाइबेरिया, लाओ पीडीआर, मोजाम्बिक, म्यांमार, मंगोलिया, निकारागुआ, नाइजर, नेपाल, रवांडा, सूरीनाम, सेनेगल, तंजानिया, टोगो, युगांडा और जिम्बाब्वे में परियोजना कार्य जारी है।