ग्रामीण एवं शहरी विकास
ग्रामीण के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या बढ़ने से जल, विद्युत, हाउसिंग, जल निकासी, सतही यातायात इत्यादि की कमी की विशेष समस्या प्रकट हुई है तथा प्रदूषण एवं निम्नकृत पर्यावरणीय के परिणाम के लिए उपयुक्त उपायों की भी आवश्यकता है । ग्रामीण क्षेत्रों में अपर्याप्त सुविधाओं तथा विकास की धीमी गति का परिणाम ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी केन्द्रों की तरफ जनसंख्या स्थानांतरण हुआ जिसमें आगे समस्याएं गम्भीर होती हैं अथवा समस्याएँ बढ़ती हैं । ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों की ओर लोगों के स्थानांतरण के प्रवाह की जांच करने के लिए, अवस्थापना के विकास के रास्ते द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त सुविधाएं तथा अवसर उपलब्ध करवाना अनिवार्य है ।
वाप्कोस अवस्थापना सुविधाएं जैसे ग्रामीण हाउसिंग, सड़क, जल आपूर्ति स्वच्छता, ग्रामीण विद्युतीकरण तथा लघु सिंचाई तथा कृषि, वर्षा जल संचयन, जल गुणवत्ता मानीटरिंग, बंजर भूमि विकास, सूक्ष्म जल विभाजक विकास पर्यावरण, क्षमता निर्माण, मानीटरिंग एवं मूल्यांकन इत्यादि के विकास हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजनाओं के लिए परामर्शी सेवाएं उपलब्ध करवाता है ।
शहरी क्षेत्रों में कम्पनी जल आपूर्ति तथा स्वच्छता, विद्युत उत्पादन, प्रसारण तथा वितरण, भूमिगत केबलिंग, पर्यावरणीय अध्ययन, नगर निगमों को सहायता, तूफानी जल निकासी, बाढ़ संरक्षण उपाय इत्यादि में परामर्शी सेवाओं में शामिल है ।
ग्रामीण विकास
- ग्रामीण जल आपूर्ति
- ग्रामीण स्वच्छता
- ग्रामीण हाउसिंग
- ग्रामीण विद्युतीकरण
- ग्रामीण भवन
- ग्रामीण सड़क
- बंजर भूमि विकास
- सूचना, शिक्षा तथा संचार
- सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण
- मानीटरिंग, मूल्यांकन तथा प्रभाव आकलन
- सूक्ष्म जलग्रस्न विकास
- वर्षा जल संचयन
- भूमि रिकार्ड कम्प्यूटराइजेशन
- रेगिस्तान विकास
- सूखा ग्रस्त क्षेत्र विकास
- राजस्व प्रशासन का सशक्तिकरण तथा रिकार्डों का अद्यतीकरण
- जल गुण्वत्ता मानीटरिंग
शहरी विकास
- शहर विकास योजना/मास्टर योजना
- बायोमैट्रिक सर्वेक्षण
- शहरी गरीबों हेतु हाउसिंग
- जल आपूर्ति व स्वच्छता
- वर्षा जल निकासी
- ठोस अपशेष प्रबंधन
- शहरी पुनःस्थापन
- वायु प्रदूषण तथा जल प्रदूषण
- एसटीपी सहित सिवरेज
- जल गुणवत्ता
- स्लम पुनरूद्धार
- धरोहर/पर्यटन विकास
- स्ट्रीट लाइटनिंग
- जल निकास