हाइड्रो पावर अभियांत्रिकी
हाइड्रो पावर उत्पादन की तीव्र क्षमता को जानते हुए, वाप्कोस ने पूर्णत: लैस कोर विंग विकसित किया है जिसके साथ तीव्रता से बढ़ते हुए इस क्षेत्र की चुनौतियों को पूरा करने में सक्षम है । सभी प्रकार एवं आकार की जल विद्युत परियोजनाओं को आरम्भ से प्रवर्तन में लाने के लिए परामर्श उपलब्ध करवाने में हमारी विशेषज्ञता तथा अनुभव एक मुख्य योग्यता है ।
व्यवहार्यता पूर्व चरण
- स्थलों की पहचान
- स्थलों का चयन
- जलविज्ञानी तथा जल मौसमविज्ञानी अध्ययन
- ऊर्जा लाभ अध्ययन
- प्रारम्भिक पर्यावरणीय प्रभाव अध्ययन
- अवस्थापना सहित संघटकों का प्रारम्भिक योजना व डिजाइन
- लागत अनुमान तथा आर्थिक मूल्यांकन
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट चरण स्थलाकृतिक तथा भूगौलिक सर्वेक्षण
- सर्वेक्षण नियंत्रण की स्थापना
- विस्तृत स्थलाकृतिक सर्वेक्षण व मानचित्रण
- स्थापना संरेखण हेतु सटीकता
- मात्रा सर्वेक्षण
- जल आलेखी सर्वेक्षण
भूगौलिक व भूतकनीकी अन्वेषण
- रिमोट सेंसिंग तथा हवाई फोटो अध्ययन
- भूगौलिक अध्ययन
- अल्ट्रा सोनिक मापन तथा कम्पनी मानीटरिंग तकनीक
- अन्वेषणात्मक ड्रिलिंग, ड्राफ्टिंग द्वारा भू-तकनीकी मूल्यांकन
- भूगौलिक मानचित्रण
- चट्टान यांत्रिकी तथा मृदा यांत्रिकी परीक्षण
- चट्टान समूह का अभियांत्रिकी वर्गीकरण
- भूकंप अध्ययन
- निर्माण सामग्री सर्वेक्षण
डिजाइन अभियांत्रिकी
- परियोजना लेआउट
- परियोजना संघटकों के संबंध में इष्टतम अध्ययन
- सिविल, इलैक्ट्रो मकैनिकल तथा हाइड्रो मकैनिकल कार्यों की डिजाइन तथा ड्रांइग
- जलविज्ञानी अध्ययन
- पावर क्षमता अध्ययन
- पावर इष्टतमीकरण अध्ययन
- डैक बैक अध्ययन
- द्रवचालित ट्रांजिट अध्ययन
- सिविल अभियांत्रिकी कार्य, इलैक्ट्रो मकैनिकल तथा हाइड्रो मकैनिकल उपकरणों हेतु लागत अनुमान
पर्यावरणीय प्रभाव आकलन व पर्यावरणीय प्रबंधन योजना कार्यान्वयन चरण
- निविदा दस्तावेज की तैयारी
- बोलीकर्त्ता को निमंत्रण व प्री क्वालीशन
- बोलियों का मूल्यांकन
- द्रवचालित माडल अध्ययन
- विभिन्न सिविल संरचनाओं की विस्तृत अभियांत्रिकी डिजाइन तथा निर्माण ड्रांइग
- इलैक्ट्रो मकैनिकल व हाइड्रो मकैनिकल उपकरण का संस्थापन
- कार्यान्वयन चरण गुणवत्ता नियंत्रण
- कार्यान्वयन चरण फील्ड सलाह
- प्रचालन व रखरखाव
मुख्य परामर्शी
- लघु हाइड्रो, सोलर तथा ज्वार पावर विकास