मानव संसाधन विकास
वाप्कोस में भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए मैनपावर की योग्यताओं को योजनाबद्ध रूप से बढ़ाया जाता है ।
वाप्कोस ने अपने अधिकारियों को अपने समझौता ज्ञापन प्रतिबद्धताओं के अंतर्गत कई विषयों में पुनश्चर्या/प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों द्वारा प्रशिक्षित किया है ।
स्थानीय परिस्थितियों जैसे कि तकनीकी निवेश, ग्राहक की आकांक्षाएं तथा बाजार पर बल का सम्यक ध्यान में रखते हुए जल संसाधन परियोजनाओं की योजना, कार्यान्वयन तथा प्रचालन में प्रौद्योगिकी अपनाने का मूल्यांकन करना एक निरंतर परिस्थिति है।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि टेक्नोक्रेट के साथ साथ लाभार्थी भी परियोजना के पूर्ण लाभों को महसूस करने के लिए अर्थपूर्ण बातचीत करने में सक्षम हैं, इसके लिए अनिवार्य है कि सतत् आधार पर अनुभव के साथ-साथ प्रशिक्षण व सूचना के आदान प्रदान की व्यवस्था की जाए । अपने इनहाउस संकाय के अतिरिक्त, कम्पनी देश के अंदर अपने सहयोगी संगठनों के साथ-साथ अनुसंधान व विकास संस्थानों के विशेषज्ञों की सेवाओं का लाभ प्राप्त करने में सक्षम है।
कार्यक्रम राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय अभिकरणों द्वारा निधिक है जिसके द्वारा भारतीय और विदेशी अभियंता अपनी आवश्कताओं को पूरा करने के लिए व्यावसयिक प्रशिक्षण से विभिन्न स्तरों पर लाभ प्राप्त कर सके ।
प्रशिक्षण अभिभाषणों, कार्यशालाओं, संगोष्ठियों, फील्ड दौरों द्वारा प्रदान किया जाता है । किसानों को जल संसाधन उपयोग व प्रबंधन में सुधार के तौर तरीकों और नवीकरण के साथ परिचित कराने के लिए अन्य परियोजनाओं के कमाण्ड क्षेत्रों के दौरे पर ले जाया जाता है ।
वाप्कोस नीति निर्माताओं, अभियंताओं, वैज्ञानिकों तथा गैर सरकारी संगठनों के बीच विचारों के आदान प्रदान के लिए मंच प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलनों, संगोष्ठियों तथा कार्यशालाओं का आयोजन भी करता है ।
प्रशिक्षण कार्यशालाओं द्वारा सिंचाई प्रबंधन
- जल संसाधन अभियांत्रिकी अर्थशास्त्र
- सिंचाई तथा जल संसाधन हेतु कम्प्यूटर निधिक योजना
- जल संसाधन में रिमोट सैंसिंग तथा जीआईएस अनुप्रयोग
- बाढ़ प्रबंधन
- अभियांत्रिकी परियोजनाओं हेतु भू भौतिकी जांच
- परियोजना जलविज्ञान
- जल संचयन स्कीम
- छोटे आवाहों का जलविज्ञान
- फसल जल आवश्यकता तथा जल बजट
- चक विकास
- यातायात व वितरण प्रणाली
- पहाड़ी क्षेत्र परियोजनाओं का आर्थिक विश्लेषण
- एकीकृत परियोजना योजना तथा प्रबंधन
फील्ड दौरों द्वारा कमाण्ड क्षेत्र विकास
- नैदानिक विश्लेषण
- सिंचाई जल आवश्यकता तथा जल बजट
- वितरण नेटवर्क डिजाइन तथा जल प्रबंधन
- मृदा में जलग्रस्त रोधी तथा जल निकासी
- आन फॉम विकास
- घूर्णन जलापूर्ति
- छिड़काव तथ बून्द बून्द सिंचाई
- संसाधन तथा निवेश इष्टमीकरण
- कैड कार्यों की मानीटरिंग तथा मूल्यांकन
- जल उपयोगकर्त्ता संघ
- विभिन्न कैड संघटकों का अर्थशास्त्र
- प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस)
- किसानों की भागीदारी
- परियोजना मानीटरिंग
- कार्यक्रम कार्यनिष्पादन मूल्यांकन
- कमाण्ड क्षेत्र में अनुकूल प्रशिक्षण
- सामाजिक आर्थिक बैंचमार्क सर्वेक्षण
सिंचाई परियोजनाएं
- संविदा प्रबंधन
- प्रचालन तथा रखरखाव
- वितरण नेटवर्क का डिजाइन
- निर्माण में गुणवत्ता नियंत्रण
- नेटवर्क तकनीकी के प्रयोग से मानीटरिंग परियोजनाएं
- परियोजना मूल्यांकन
पावर परियोजनाएं
- प्रचालन व रखरखाव
- विद्यमान प्रणाली का उन्नयन
- शुल्क संरचनाएं
- संगठन तथा लेखा प्रणाली
- हाइड्रो पावर परियोजनाओं की योजना व सूत्रीकरण हेतु अन्वेषण
अवस्थापना विकास
- नदी, क्रीक, तटीय तथा बंदरगाह विकास परियोजनाओं हेतु अभियांत्रिकी उपाए उपलब्ध करवाने में 1डी तथा 2डी गणित माडलिंग तकनीक
- ग्रामीण व शहरी जल आपूर्ति अभियांत्रिकी
- सड़क व पुल
- रिसाव का पता लगाना तथा कमी
- वर्षा जल निकासी (डिजाइन तथा निष्पादन)
- कम्प्यूटर अनुप्रयोग
- परियोजना कार्यनिष्पादन मूल्यांकन
- जल प्रयोग दक्षता
- जल गुणवत्ता मानीटरिंग