सिंचाई, जल निकासी तथा जल प्रबंधन
न्यून जल संसाधन का इष्टतम उपयोग आवश्यक है । इसलिए, सिंचाई हेतु योजना, सतही एवं भूजल संसाधन का विकास तथा प्रबंधन वाप्कोस की गतिविधियों के अति महत्वपूर्ण क्षेत्र में से है ।
इन वर्षों के दौरान वाप्कोस ने परामर्शी सेवाओं में जल संसाधन विकास जिसमें सिंचाई, कृषि और जल प्रबंधन शामिल है का सम्पूर्ण पैकेज उपलब्ध करवाया है । इसमें जल विज्ञान, शीर्ष कार्य से सूक्ष्म प्रसारण प्रणाली द्वारा सिंचाई नेटवर्क का डिज़ाइन, नहर स्वचलन, जलाशय प्रचालन और रखरखाव मैनुअल की तैयारी, संस्थागत व्यवस्थाएं, आधुनिक सिंचाई अनुप्रयोग प्रणालियों (छिड़काव/बून्द) का डिज़ाइन, कृषि शास्त्र, सेवा वृद्धि, कृषि आर्थिक प्रशिक्षण इत्यादि के सभी पहलुओं को कवर करता है ।
वाप्कोस ने जलग्रसन प्रबंधन, सूक्ष्म नहरीकरण और अन्य संबंधित पहलुओं सहित एकीकृत कमाण्ड क्षेत्र विकास हेतु सेवाएं भी दी हैं ।
ऐसे क्षेत्रों में जहां प्राकृतिक स्थलाकृतिक विज्ञान और मृदा परिस्थितियों के परिणामस्वरूप प्राकृतिक दबाव में जल की निश्चिलता हेतु सक्षम जल निकासी भी आवश्यक है । वाप्कोस विभिन्न परियोजनाओं हेतु योजना, डिजाइनिंग और सतही तथा उप सतही जल निकासी के निर्माण पर्यवेक्षण के साथ संबंधित है । वाप्कोस जैविक जल निकासी विज्ञान के विकास हेतु अध्ययन में भी शामिल है ।
वाप्कोस ने भागीदारी सिंचाई प्रबंधन (पीआईएम) की संकल्पना को विकसित किया और जल उपयोगकर्ता संघ (डब्ल्यूयूए) के निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लिया।
सिंचाई
- सर्वेक्षण व अन्वेषण
- व्यवहार्यता अध्ययन
- सिंचाई संरचनाओं का प्रारम्भिक व विस्तृत डिजाइन
- वितरण प्रणाली व माइक्रो स्तर योजना व डिजाइन
- प्रचालन व रखरखाव
- निर्माण पर्यवेक्षण
- प्रतिप्रवाह व अनुप्रवाह नियंत्रण, यातायात प्रणालियां
- नहर स्व:चलन
जल निकासी
- सतही व उप सतही जल निकासी प्रणाली का विस्तृत परिरूप
- सतही व उप सतही जल निकासी प्रणाली का कार्यान्वयन
- किसान भागीदारी हेतु समाज विज्ञान अध्ययन
- जैव-जल निकासी
- रिसाव हानियों के नियंत्रण हेतु वाटर आडिट
- जल संतुलन व लवण संतुलन अध्ययन
- रिसाव हानियों का आडिट
- जल संतुलन व लवण संतुलन अध्ययन
सिंचित कृषि
- कृषि आर्थिक पद्धति
- कृषि योजना
- मृदा सर्वेक्षण
- भूमि उपयोग योजना
- भूमि समतलन तथा ग्रेडिंग
- फसल तथा कृषि कार्यनीतियां
- बागवानी
सिंचित कृषि पर्यावरण
- जलग्रस्न
- लवणता
- मृदा व जल संरक्षण
- शुष्क भूमि खेती
- एकीकृत जलग्रस्न प्रबंधन
जल प्रबंधन
- आबंटन व वितरण
- वाराबंदी
- जल उपयोगकर्त्ता संघ
- फार्मगत विकास
सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन
- सामाजिक आर्थिक आधाररेखा सर्वेक्षण
- मानीटरिंग व मूल्यांकन
- किसानों को प्रशिक्षण व भागीदारी
- फार्म योजना
- उत्पादन, यातायात, भण्डारण व आउटलैट केन्द्र हेतु कार्यनीति
कोर परामर्श
- विस्तृत परियोजना रिपोर्ट
- मैक्रो व माइक्रो योजना
- संविदा नीति
- पुनरूद्धार/ आधुनिकीकरण
- सतही व भूजल का संयुक्त प्रयोग
- मानीटरिंग व कार्यनिष्पादन मूल्यांकन
- भागीदारी सिंचाई व जल निकासी प्रबंधन